संदेश

जीवन का अधिकार

प्रिय पाठकों आज हम इस लेख में 'जीवन का अधिकार' की बात करेंगे भारतीय संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों को संरक्षण प्रदान किया गया है इसी के तहत एक अधिकार जिसे हम जीवन का अधिकार के नाम से जानते है भारतीय संविधान का अनुच्छेद21 जीवन के अधिकार की बात करता है जिसके अनुसार- अनुच्छेद 21:-किसी व्यक्ति को उसके प्राण एवं दैहिक स्वन्त्रता से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जायेगा,अन्यथा नहीं। यह अनुच्छेद प्राण एवं दैहिक स्वन्त्रता का संरक्षण प्रदान करता है।इस छोटे से वाक्य में अत्यंत महत्व के शब्दों पर हमें ध्यान देना होगा।सर्वप्रथम हम 'व्यक्ति' शब्द की बात करें तो भारतीय नागरिकों के साथ -साथ विदेशी व्यक्ति भी इस शब्द के अंतर्गत आते हैं अर्थात कोई विदेशी व्यक्ति भी इस अधिकार की मांग कर सकता है।यह अलग बात होती है कि विदेशी लोग अन्य नियमों के अधीन होते हैं फिर भी न्यायालय उनको अनुच्छेद 21 की स्वन्त्रता से वंचित नहीं कर सकता है इस सम्बन्ध में चार्ल्स शोभराज बनाम दिल्ली प्रशासन    1978 4scc का मामला देखा जा सकता है। एक महत्त्व की बात यहाँ पर हम करे तो बता दे